एक सपना दूसरे
सपनें से टकराता है
तो चमक पैदा करता है
एक रिश्ता दूसरें के निकट आता है
फिर नाकाम हो लौटता हैं
एक मुस्कुराहट
जो कहीं गुम हो टूटता तारा बन जाती है
एक उम्मीद जो आखिर में
खुद को
राख के ढेर में पाती है
जिंदगीं कहीं इन्हीं
अदभुत रिश्तों का नाम ही तो नहीं।